• August 13, 2022

एक और तालिबानी फरमान: परिवार की महिलाएं भी पार्क में पुरुषों के साथ नहीं कर सकतीं एंट्री

एक और तालिबानी फरमान: परिवार की महिलाएं भी पार्क में पुरुषों के साथ नहीं कर सकतीं एंट्री

नई दिल्ली। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जा करने का एक साल होने को है और राजधानी काबुल में इस तरह की पहली महिला रैली निकाली गई. इस विरोध प्रदर्शन को कवर करने वाले कुछ पत्रकारों को भी तालिबान लड़ाकों ने पीटा है. सत्ता में वापसी की पहली वर्षगांठ से कुछ दिन पहले काबुल में हुई एक दुर्लभ महिला रैली को तालिबान ने हिंसा के सहारे तितर-बितर कर दिया. पिछले साल 15 अगस्त को सत्ता पर कब्जा करने के बाद से तालिबान ने अफगानिस्तान में अमेरिकी हस्तक्षेप के दो दशकों के दौरान महिलाओं को दिए गए मामूली अधिकारों को भी छीन लिया है.

रिपोर्ट्स के अनुसार बता दे की अफगानिस्तान में काबिज तालिबानी सत्ता ने अब गार्डेन्स में पुरुषों और महिलाओं की एंट्री को लेकर नए नियम लागू कर दिए हैं। करीब 500 साल पुराने बाग-ए-बाबर के टिकट काउंटर पर अक्सर अफरा-तफरी भरा माहौल रहता है। टिकट खरीदने आए एक आदमी को अभी-अभी पता चला है कि पुरुषों और महिलाओं को अलग-अलग गेट से बगीचे में एंट्री करनी है। यह शख्स टिकट बेचने वाले से कुछ सवाल-जवाब करता है और इन नियमों को बकवास करार देता है। इसके बाद उसके परिवार के लोग अलग-अलग गेट से पार्क में एंट्री करते हैं। महिलाएं राइट और पुरुष लेफ्ट गेट से बागीचे के अंदर जाते हैं। पहले की तरह अब उन्हें साथ में जाने की इजाजत नहीं है, इसके बावजूद कि वो लोग एक ही परिवार के सदस्य हैं।

बता दे की देश में अभी भी बहुत सारे ऐसे लोग हैं, जिन्हें इन नियमों का जानकारी नहीं है। ऐसे में जब परिवार के साथ लोग पार्क में घूमने आते हैं तो निराश होना पड़ता है। फैमिली मेंबर्स के अलग-अलग जाने की बात सुनकर कई लोग तो अपना प्लान ही रद्द कर देते हैं। शुक्रवार को भी बाग-ए-बाबर के बाहर ऐसा नजारा देखने को मिला। घर की महिलाओं और बच्चों के साथ घूमने आया एक परिवार वापस लौट गया।कई से लोग इन पाबंदियों से गुस्से में हैं। उनका कहना है कि वो यहां परिवार के साथ घूमने आए थे, न कि अकेले।

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