• December 2, 2021

Benefits Of Rudraksha: जानें रुद्राक्ष माला पहनने के फायदे

Benefits Of Rudraksha: जानें रुद्राक्ष माला पहनने के फायदे

इंटरनेट डेस्क। रुद्राक्ष को लेकर पौराणिक कथा भगवान शिव से जुडी है रुद्राक्ष को एक बहुत ही पवित्र बीज या मोती माना जाता है। रुद्राक्ष को धारण करना बहुत शुभ माना जाता है। यह भी माना जाता यही की रुद्राक्ष को धारण करने से भगवान शिव की अपार कृपा बनी होती है। बहुत कम लोग जानते ही की रुद्राक्ष को पहनना स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है। रुद्राक्ष को लोग हाथ बाजूबंद या गले में पहनते है। आज हम रुद्राक्ष पहनना स्वास्थ्य और सुख समृद्धि में किस प्रकार सहायक है। और रुद्राक्ष कितने प्रकार का होता है और रुद्राक्ष बीज की उत्पत्ति के बारे में जानेंगे।

रुद्राक्ष की उत्पत्ति :- रुद्राक्ष की उत्पत्ति को लेकर एक पौराणिक कथा है जो की भगवान शिव से जुडी है। माता पार्वती देवो के देव महादेव की अर्धांगिनी जब सती हो गयी थी उनके वियोग में भगवान शिव का ह्रदय द्रवित हो गया जिसके कारण उनकी आँखो से जो अश्रु (आँसू ) निकले उनसे रुद्राक्ष के पेडो की उत्पत्ति हुई। इसीलिए रुद्राक्ष में भगवान शिव की शक्तियों का समावेश माना जाता है। इसीलिए यह भी माना जाता है की जो भी रुद्राक्ष को धारण करता है उन् पर महादेव की असीम कृपा बनी रहती है।

रुद्राक्ष के प्रकार :- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार रुद्राक्ष के एक कोने से दूसरे कोने पर बनी धारियो के कारण रुद्राक्ष जिसको मुख कहा जाता है। और उनका अर्थ भी बदल जाता है रुद्राक्ष निम्न प्रकार के होते है।

एक मुखी रुद्राक्ष :- यह एक दुर्लभ रुद्राक्ष है। इसका मिलना मुश्किल होता है। इस एक महक्लि रुद्राक्ष को साक्षात भगवान शिव बताया गया है। इसके धारण से यश की प्राप्ति होती है

द्विमुखी रुद्राक्ष :- इस रुद्राक्ष पर दो धारिया बनी होती है। ये सभी देवी और देवताओ का रूप माना जाता है। और मान्यता है की इसे धारण करने से पाप मुक्त होते है।

 त्रिमुखी रुद्राक्ष :- तीन मुख वाले रुद्राक्ष का मतलब धार्मिक ग्रंथो में आग के समान बताया गया है।


चार मुखी रुद्राक्ष :- यह रुद्राक्ष ब्रह्मः देव का स्वरूप मन जाता है इसको धारण करने से दिमागी क्षमता , एकाग्रता मानसिक शक्ति का विकास होता है

 

पंचमुखी रुद्राक्ष :- इस रुद्राक्ष को आध्यात्मिक कार्यो के ध्यान केंद्रण के लिए जाता है इससे पहने से शांति की प्राप्ति होती है।

छः मुखी रुद्राक्ष :- इसे कार्तिकेय का रूप माना जाता है। इसे पहनने से शिक्षा ,ज्ञान, और आत्मविश्वास के लिए पहनते है।

 सप्त मुखी :- सात मुख वाले रुद्राक्ष को आर्थिक आमदनी के लिए पहना जाता है।

अष्ट मुखी :- आठ रुद्राक्ष भगवान गणेश को इसका देव जाता ह इसको पहनने से मुशीबते और बधाओ मुक्ति मिलती है

 नौ मुखी :-इस नौ मुखी रुद्राक्षको निडरता शक्ति प्राप्ति होती है

दस मुखी :- इसको पहनने से नकारात्मक शक्तिओ और वाद विवादों से बचाव होता है।

ग्यारह मुखी :- इसका देव भगवान हनुमान जी को माना गया है इसको धारण करने से नकारात्मक शक्तिया प्राप्त होती है और मानसिक रूप से सक्षम होते है।

बारहमुखी :-इसको पहनने से सुख समृद्दि और धन वैभव की प्राप्ति होती है

तेरह मुखी :- इस रुद्राक्ष को मनोकामना पूर्ण करने वाला रुद्राक्ष भी कहा जाता है। और तेज , और आकर्षण के लिए इसे पहना जाता है।

चौदह मुखी :- यह हमारी इन्द्रियों को जाग्रत करता है।

पंद्रह मुखी :- बुद्धि के देवता भगवान गणेश इसके देवता है इसको तेज दिमाग और फुर्ती की प्राप्ति के लिए पहना जाता जाता है

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