• December 4, 2021

‘ओमीक्रॉन’ से कोहराम! एक्सपर्ट का कहना – ‘बूस्टर’ डोज के बजाय टीके की दोनों खुराक देने पर हो ध्यान

‘ओमीक्रॉन’ से कोहराम! एक्सपर्ट का कहना – ‘बूस्टर’ डोज के बजाय टीके की दोनों खुराक देने पर हो ध्यान

नई दिल्ली। कोरोना के दूसरे वैरियंट से पूरी दुनिया में हा हा कार मचा हुआ है इससे बचने के लिए एक्सपर्ट्स का कहना है की बूस्टर डोज की बजाए कोरोना की दोनों खुराक देने पर हो अभी पूरा ध्यान। भारत में अभी जनसंख्या के एक बड़े हिस्से को संक्रमण के प्रति आधारभूत सुरक्षा मिलनी बाकी है इसलिए कोविड-रोधी टीके की ‘बूस्टर’ खुराक देने की बजाय लाभार्थियों को दोनों खुराक देने को प्राथमिकता देनी चाहिए। राष्ट्रीय जांच प्रयोगशालाओं का एक नेटवर्क है जिसे सरकार ने कोविड-19 के परिवर्तित होते जीनोमिक स्वरूप पर निगरानी के उद्देश्य से बनाया है। रोग प्रतिरोधक क्षमता वैज्ञानिक विनीता बल ने पीटीआई-भाषा से कहा, “हमारे यहां 18 साल से कम उम्र के लोगों की बड़ी आबादी है। जब तक इन्हें टीका नहीं दिया जाता, दूसरी खुराक के लिए एक समान नीति या तीसरी खुराक का सुझाव देना बेमानी है।

उन्होंने कहा कि भारत में बड़े स्तर पर टीकाकरण मार्च 2021 में ही शुरू हुआ है। ‘‘हमें भारत में सभी लाभार्थियों को टीके की दोनों खुराक देने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और 18 वर्ष से कम आयु वर्ग के लोगों को बड़े स्तर पर टीका लगाने पर जोर देना चाहिए। कोरोना वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप के सामने आने से उपजी चिंता और टीके से संक्रमण के प्रति मिली सुरक्षा में कमी होने से ‘बूस्टर’ खुराक देने की जरूरत समझी जा रही है। बहुत से देशों में भले ही बूस्टर खुराक देना पहले से शुरू कर दिया गया हो, लेकिन कई विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में चूंकि बड़े स्तर पर टीकाकरण अभियान छह से आठ महीने पहले ही प्रारंभ हुआ था, इसलिए यहां की प्राथमिकता अलग होनी चाहिए।

पुणे के भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान में अतिथि शिक्षक बल ने कहा, “टीके की दोनों खुराक ले चुके लोगों में संक्रमण होने की लगातार सामने आ रही खबरों से पता चलता है कि ऐसे लोगों में बीमारी उतनी गंभीर नहीं है जितनी उन लोगों में जिन्होंने टीके की एक भी खुराक नहीं ली है। इससे भी इसकी पुष्टि होती है कि भारत में टीका लगवा चुके लोगों में रोग प्रतिरक्षा क्षमता है
मुंबई के एक अस्पताल में संक्रामक रोग विशेषज्ञ और महाराष्ट्र सरकार के कोविड-19 कार्यबल के सदस्य वसंत नागवेकर ने बृहस्पतिवार को कहा कि टीके की बूस्टर खुराक काम करती भी है तो यह अस्थायी रूप से समस्या का समाधान होगा और इसकी बजाय मास्क लगाने पर जोर देना चाहिए। वैज्ञानिक आंकड़ों से पता चला है कि मास्क के कारण कोविड-19 का प्रसार 53 प्रतिशत तक घट सकता है। टीके की बूस्टर खुराक, काम करती भी है तो यह केवल एक अस्थायी समाधान होगा। हम हर छह महीने पर और वायरस के हर स्वरूप के लिए बूस्टर खुराक नहीं ले सकते। मास्क लगाना आज की जरूरत है और टीकाकरण का कोई विकल्प नहीं है

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