• February 3, 2023

BBC Documentary Row: SC ने केंद्र को भेजा नोटिस, सरकार के एक्शन पर कोर्ट ने कहा….

BBC Documentary Row: SC ने केंद्र को भेजा नोटिस, सरकार के एक्शन पर कोर्ट ने कहा….

इंटरनेट डेस्क। 2002 गुजरात दंगों पर BBC की डॉक्यूमेंट्री पर रोक के मामले में कोर्ट ने आज एन राम, महुआ मोइत्रा, प्रशांत भूषण और एम एल शर्मा (ML Sharma) की याचिकाओं पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया. गुजरात दंगों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) पर बनाई गई बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पर केंद्र सरकार ने प्रतिबंधित लगा दिया था. बैन को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी. मामले पर अप्रैल में सुनवाई होगी.

जस्टिस संजीव खन्ना (Sanjeev Khanna) और एमएम सुंदरेश (MM Sundaresh) की पीठ ने वरिष्ठ पत्रकार एन राम, टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा, वकील प्रशांत भूषण (Prashant Bhushan) और वकील एम एल शर्मा (ML Sharma) की याचिकाओं पर सुनवाई की. इस दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील सी यू सिंह ने ट्विटर से लिंक हटाए जाने का हवाला दिया. इस पर कोर्ट ने कहा- हम सरकार से इससे जुड़े आदेश की फाइल मांग रहे हैं.

जल्द सुनवाई पर कोर्ट ने कही ये बात

जस्टिस संजीव खन्ना (Sanjeev Khanna) ने सवाल याचिकाकर्ताओं के वकील से सवाल किया कि आप इसके लिए हाई कोर्ट क्यों नहीं गए? कोर्ट को सी यू सिंह ने बताया कि सरकार को इस तरह की शक्ति देने वाले कानून को चुनौती सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. इस पर पीठ ने कहा कि ठीक है, हम नोटिस जारी कर रहे हैं. अप्रैल में सुनवाई होगी.सीयू सिंह ने कोर्ट से जल्दी सुनवाई की मांग की और तर्क दिया कि लोगों पर डॉक्यूमेंट्री के प्रदर्शन के लिए कार्रवाई हो रही है. दलील पर पीठ ने कहा कि यह अलग मसला है. लोग तो फिर भी डॉक्यूमेंट्री देख ही रहे हैं.

डॉक्यूमेंट्री पर विवाद क्यों?

बीबीसी ने इंडिया: द मोदी क्वेश्चन नाम से डॉक्यूमेंट्री बनाई है. दो पार्ट की ये डॉक्यूमेंट्री पहले पार्ट के आते ही विवादों में घिर गई थी. इसमें 2002 के गुजरात दंगों के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की भूमिका पर सवाल उठाए गए थे. डॉक्यूमेंट्री में दावा किया गया है कि यह गुजरात दंगों के दौरान की गई कुछ पहलुओं की जांच रिपोर्ट का हिस्सा है. वहीं केंद्र ने इसे प्रोपेगैंडा पीस कहा था.डॉक्यूमेंट्री को भारत में बैन करते हुए इसे शेयर करने वाले यूट्यूब वीडियो और ट्विटर लिंक को ब्लॉक करने का आदेश दिया गया था. यूट्यूब वीडियो और ट्विटर पोस्ट को हटाने के सरकार के फैसले की विपक्षी पार्टी की तरफ से जमकर विरोध किया गया और इसे सेंसरशिप कहा गया.

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