- September 27, 2022
Rajasthan Political Crisis: गहलोत ही निकले बागी! आज सोनिया गांधी को रिपोर्ट सौपेंगे माकन और खड़गे

इंटरनेट डेस्क। राजस्थान का राजनीतिक संकट अब दिल्ली तक पहुंच गया है. BJP के 2014 में सत्ता में आने के बाद से ही कांग्रेस ढलान पर दिख रही है। 2018 में राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के चुनावों में जीत हासिल करने के अलावा कोई ऐसा मौका नहीं रहा, जो कांग्रेस को राहत दे सके। इस दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया, जितिन प्रसाद, गुलाम नबी आजाद और सुष्मिता देव समेत कई बड़े और करीबी नेताओं ने पार्टी ही छोड़ दी। इस पूरे घटनाक्रम के दौरान अशोक गहलोत हमेशा कांग्रेस को छोड़ने वाले नेताओं पर हमला करते दिखे। अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) की छवि हमेशा पार्टी मैन और गांधी फैमिली के वफादार की रही।
इंदिरा के दौर से अब तक वह परिवार के करीबी ही रहे और दूसरों नेताओं के मुकाबले राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) से भी बेहतर रिश्ते रखे। यही वजह थी कि सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) और राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने जब गैर-गांधी अध्यक्ष पर विचार किया तो पहला नाम अशोक गहलोत का ही आया। लेकिन सीएम पद के मोह में अशोक गहलोत ने जो 82 विधायकों के इस्तीफे वाला जो दांव चला है, उससे गांधी परिवार हैरान है। कहा जा रहा है कि अपने दूतों से न मिलने और अलग मीटिंग करने को सोनिया गांधी ने हाईकमान के अपमान और अनुशासनहीनता के तौर पर लिया है। खुद अजय माकन ने सोमवार को बताया था कि सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने लिखित रिपोर्ट मांगी है और उसके बाद कुछ फैसला लिया जाएगा।
जयपुर से लौटे पर्यवेक्षक अजय माकन (Ajay Maken) और मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) राजस्थान के मौजूदा स्थिति की लिखित रिपोर्ट कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को सौपेंगे. इससे पहले सोमवार को दोनों नेताओं ने सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) से मुलाकात कर उन्हें मौजूदा स्थिति के बारे में जानकारी भी दी थी. इतना ही नहीं राजस्थान में हुए सियासी ड्रामे के बाद कांग्रेस आलाकमान अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) से नाराज बताया जा रहा है. ऐसे में अशोक गहलोत पार्टी अध्यक्ष पद के चुनाव की रेस से बाहर हो सकते हैं.
352 total views, 2 views today