- January 31, 2023
बिहार के मुजफ्फरपुर में पहुंची शालिग्राम शिला, इसी से बनेगी रामलाला और माता जानकी की मूर्ति
इंटरनेट डेस्क। नेपाल से लाई जा रही शालिग्राम शिला सोमवार को बिहार के मुजफ्फरपुर में पहुंची. बता दे की नेपाल की काली गंडकी नदी से मिले 6 करोड़ साल पुराने 2 विशाल शालीग्राम पत्थरों से भगवान श्रीराम के बाल स्वरूप की मूर्ति और माता सीता की मूर्ति बनाई जानी है. रामलला की मूर्ति 5 से साढ़े 5 फीट की बाल स्वरूप की होगी. श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में विराजमान होने वाले रामलला की मूर्ति निर्माण के लिए जा रहे शालिग्राम शीला पर प्रसिद्ध शाही लीची का पेड़ चढ़ाया गया. इसे राम बाग के लिए दिया गया तो मां सीता की खोइछा के लिए मुजफ्फरपुर की प्रसिद्ध लाह की लहठी दी गई.
बता दे की नेपाल के गंडकी नदी से निकली शालिग्राम शीला अयोध्या में राम लला की मूर्ति निर्माण के लिए जा रहा है. पूरे रास्ते में जगह-जगह पूजा अर्चना की जा रही है. लोग सेल्फी ले रहे है. मुजफ्फरपुर में भी कई जगह शिलाग्राम शिला का स्वागत कर पूजा अर्चना किया गया. वहीं मंगलवार सुबह जब शालिग्राम शिला मुजफ्फरपुर से अयोध्या के लिए प्रस्थान करने लगी तो काफी संख्या में श्रद्धालु जुटे और सुबह में पूजा अर्चना करते हुए जयकारा लगा रहे थे. इस दौरान शालिग्राम शीला को स्पर्श करने और सेल्फी लेने को आतुर दिखे. वहीं मुजफ्फरपुर वन सिटी वन प्रोडक्ट में चयनित शाही लीची का पेड़ दिया गया, जो राम मंदिर के राम बाग में लगेगा. साथ ही सीता माता के खोईछा में मुजफ्फरपुर की प्रसिद्ध लहठी दी गई.
बीजेपी जिला अध्यक्ष रंजन कुमार (Ranjan Kumar) ने बताया कि रामलला की मूर्ति निर्माण के लिए जा रहे शालिग्राम शीला की पूजा अर्चना के बाद राम मंदिर में राम बाग के लिए लीची का पौधा श्रीराम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी कामेश्वर चौपाल को दिया है. वहीं डॉक्टर ममता रानी (Dr. Mamta Rani) प्राचार्य आरबीबीएम कालेज ने सीता माता की खोइच्छा लिए मुजफ्फरपुर की प्रसिद्ध लहठी दी.
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