• November 19, 2022

कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ने पर मिलने लगते है ये संकेत

कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ने पर मिलने लगते है ये संकेत

शरीर को हेल्दी रखने के लिए कोलेस्ट्रॉल की काफी अधिक आवश्यकता होती है क्योंकि ये हमारे शरीर में कोलेस्ट्रॉल की बनावट में बहुत जरूरी भूमिका निभाता है और यह हमारे शरीर में कोलेस्ट्रॉल का लेवल अधिक होने पर कई प्रकार की समस्याओ का विरोध करना पड़ता है जिससे शरीर में कोलेस्ट्रॉल के सकेंत नजर आने लगते है लेकिन हमारे शरीर में कोलेस्ट्रॉल अधिक बढ़ने से पेरिफेरल आर्टरी होने लगता है जिससे धीरे -धीरे यह शरीर के खून की नलिकाओं में अलग -अलग हो जाते है ;लेकिन प्राप्त मात्रा में खून हमारे शरीर के बाहरी अंगो तक नहीं पहुँचने के कारण ये लक्षण हाथ और पेरो में नजर आने लगते है

हमारे शरीर में कोलेस्ट्रॉल दो प्रकार के होते है एक गुड़ कोलेस्ट्रॉल और दूसरा बैड कोलेस्ट्रॉल होते है लेकिन इनमे से गुड़ कोलेस्ट्रॉल हमारे शरीर के लिए काफी अच्छा माना जाता है क्योंकि यह हमारे शरीर में एक प्रोटीन शामिल एक तत्व होता है जो हानिकारक कोलेस्ट्रॉल के नाम से जाना जाता है जिससे हानिकारक कोलेस्ट्रॉल काफी फैट के मुकाबले में प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है जिससे गुड़ कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है और दूसरा बैड कोलेस्ट्रॉल यह हमारे शरीर के लिए खराब माना जाता है क्योंकि हमारे शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल अधिक बढ़ने से हार्ट अटैक जैसे दौरे पड़ने का काफी खतरा होता है

 

हाई कोलेस्ट्रॉल से प्रत्येक लोग अधिक परेशान होते रहते है हमारे शरीर में कोलेस्ट्रॉल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है जो इस बीमारी के कारण हमारे शरीर में कई प्रकार की बीमारी बढ़ने का खतरा होता है जैसे हार्ट अटैक से लेके रक्त प्रेशर और डायबटीज जेसी बीमारिया मौजूद होती है ये हमारे शरीर में हाई कोलेस्ट्रॉल के कारण रक्त सर्कुलेशन प्रभावित होता है लेकिन रक्त सर्कुलेशन हमारे शरीर के ब्लड में शामिल होता है जो ऑक्सीजन की मात्रा में अंगो को स्वस्थ रखने के साथ -साथ अनेक प्रकार की बीमारी का संकट कम करने के लिए योगदान निभाता है

पैरों की त्वचा के रंग में बदलाव दिखाई देना

हमारे शरीर में हाई कोलेस्ट्रॉल की वजह से शरीर के अंगो में खून का बहाव बहुत कम हो जाता है जिससे चमड़ी के रंग में बदलाव आने लगता है ऐसा इसलिए होता है की पौष्टिक तत्वों में ऑक्सीजन को पहुंचाने वाले ब्लड की नली में कमी होने के कारण कोशिका के योग्य पौष्टिक नहीं मिलने से पेरो का और चमड़ी का रंग नीली दिखाई देने लगता है जिसकी वजह से पेरो में बार -बार दर्द होने का महसूस होता है

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