• February 6, 2023

दर्दनाक घटना: 3 महीने की बच्ची को से 51 बार लोहे की गर्म सलाखों से दागा, मौत

दर्दनाक घटना: 3 महीने की बच्ची को से 51 बार लोहे की गर्म सलाखों से दागा, मौत

इंटरनेट डेस्क। मध्य प्रदेश के शहडोल जिले से एक दर्दनाक घटना सामने आई है. जहां ‘दगना कुप्रथा’ के चलते एक मासूम बच्ची की मौत हो गई.गांवों में लचर स्वास्थ्य सिस्टम के बीच अंधविश्वास के फेर में इलाज के नाम पर गर्म सलाखों से दागने की कुप्रथा हावी है। जानकारी के मुताबिक मासूम कुपोषित बच्ची को कई बार इलाज के नाम पर गर्म सलाखों से दागा गया था. जिसके बाद उसकी हालत गंभीर हो गई और उसे तुरंत ही इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां इलाज के दौरान मासूम ने दम तोड़ दिया. इस मामले पर दो लोगों के खिलाफ FIR दर्ज हुई है. पुलिस का कहना है कि मामले की गहराई से जांच की जा रही है.

आपकी जानकारी के लिए बता दे की यह घटना सिंहपुर के कठौतिया गांव की है, जहां अंधविश्वास के फेर में बीमार दुधमुंही 3 माह की बच्ची को गर्म सलाखों से 51 बार दागा गया. हालत बिगड़ने पर परिजन उसे मेडिकल कॉलेज लेकर गए. जहां इलाज के दौरान मासूम की मौत हो गई. बता दें, आदिवासी समुदाय में गर्भवती महिलाओं की सही देखभाल न होने से कई बार बच्चे कुपोषित बच्चे पैदा होते हैं. जिनका वजन बहुत कम रहता है और मांस उनकी हड्डियों से चिपका रहता है. लेकिन आदिवासी समुदाय इस तरह की कई बीमारियों को इलाज दगना प्रथा से करता है, जिसमें मासूम बच्चों को गर्म सलाखों से शरीर के कई हिस्सों पर दागा जाता है.

इनका मानना है कि ऐसा करने से बच्चा ठीक हो जाता है. दागन प्रथा का चलन मध्य प्रदेश के अलावा राजस्थान में भी देखने को मिलती है. इस मामले पर प्रशासन का कहना है कि बच्ची के शरीर को गर्म सरियों से दागा गया था. लेकिन उसकी मौत निमोनिया से हुई हैं. वहीं अब प्रशासन के दावों पर सवाल खड़े हो रहे हैं. 03 फरवरी की शाम बालिका के शव को दफना दिया गया था. लेकिन मासूम के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जाएगा. जिससे मौत के सही कारणों का पता लगाया जा सके.

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