- December 5, 2023
Travel Tips: जैसलमेर की ट्रिप का कर रहे हैं प्लान तो यहां पर मौजूद इन म्यूजियमो को जरूर जाएं देखने !
आपको बता दे की राजस्थान का जैसलमेर एक बहुत ही खूबसूरत शहर है। इस शहर का जैसलमेर फोर्ट बहुत ही फेमस है और यहां पर दूर-दूर से लोग घूमने के लिए आते हैं। जैसलमेर राजस्थान की संस्कृति और विरासत का प्रतीक माना जाता है। वैसे तो जैसलमेर में घूमने और देखने लायक बहुत कुछ है लेकिन अगर आप इस शहर को देखने के साथ-साथ इसके इतिहास के बारे में भी जानकारी लेना चाहते हैं तो आपको यहां पर मौजूद कुछ खास म्यूजियम को देखने के लिए जरूर जाना चाहिए। जैसलमेर में ऐसे कई म्यूजियम मौजूद है जो इस शहर के इतिहास और संस्कृति के बारे में बहुत कुछ बताते हैं। आइए इस लेख के माध्यम से जानते है इन म्यूजियमों के बारे में विस्तार से –
* कोठारी पटवा हवेली म्यूजियम :
आपको बता दे कि यह म्यूजियम वास्तव में एक हवेली में बनाया गया है दरअसल जैसलमेर में सबसे खूबसूरत हवेली को एक प्राइवेट म्यूजियम में परिवर्तित कर दिया गया है जो पटवा परिवार के जीवन के तरीके को दर्शाता है जो अमीर जैन ब्रोकेड व्यापारी थे। इस परिवार ने 19वीं साड़ी की शुरुआत में क्लस्टर में चार अन्य लोगों के साथ मिलकर हवेली का निर्माण किया था जिसे पूरा होने में लगभग 50 साल से भी अधिक का समय लगा। इस हवेली की छत से शहर और किले का खूबसूरत नजारा देखना ना भूले।
* जैसलमेर वॉर म्यूजियम :
बता दे की जैसलमेर का वॉर म्यूजियम भारतीय सशस्त्र बलों के बहादुर सैनिकों को श्रद्धांजलि देता है। इन सैनिकों ने इतिहास की कुछ सबसे चुनौती पूर्ण लड़ाईया में बहादुरी से लड़ाई लड़ी। बता दें कि भारतीय सेना की डेज़र्ट कोर ने लेफ्टिनेंट जनरल बॉबी मैथ्यूज के तहत इसे विकसित किया। अगर आप भी देश के सैन्य इतिहास के बारे में जानकारी लेना चाहते हैं तो आपको जैसलमेर में मौजूद वॉर म्यूजियम देखने के लिए जरूर जाना चाहिए।
* बारी हवेली म्यूजियम :
अगर आप जैसलमेर किले में रोजमर्रा की जिंदगी के बारे में जानकारी लेना चाहते हैं तो आप किले के अंदर जैन मंदिर परिसर के पास में मौजूद इस म्यूजियम में जरूर जाए। बता दे की ₹450 साल पुरानी हवेली को अब म्यूजियम में बदल दिया गया है। यह हवेली कभी हिंदू पुजारी के स्वामित्व में थी जो राजा को सलाह देते थे।
* थार हेरिटेज म्यूजियम :
बता दे कि इस छोटे से म्यूजियम की स्थापना 2006 में प्रसिद्ध स्थानीय इतिहासकार, लोकगीतकार और लेखक लक्ष्मी नारायण खत्री द्वारा की गई थी। यह म्यूजियम जैसलमेर रेगिस्तान के इतिहास और जीवन शैली से संबंधित कलाकृतियों के संग्रह को प्रदर्शित करता है। इसमें प्राचीन समुद्री जीवाश्म, हथियार, स्थानीय व्यापारियों और एशिया के विजिटर्स के बीच व्यापार सौदों के बारे में जानकारी देने वाले दस्तावेज, सिक्के, पेंटिंग, बर्तन, उपकरण, कपड़े आदि मौजूद हैं।
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