- November 29, 2021
जानिए मृत्यु के बाद आधार कार्ड और पैन कार्ड को क्यों रखना चाहिए संभालकर!
इंटरनेट डेस्क। आज जिंदगी कागजी पन्नो पर ही टिकी है किसी व्यक्ति के वजूद को प्रमाणित कागजी पन्नो द्वारा होता है , जिसमे दो डॉक्युमेंट्स आधार कार्ड और पैन कार्ड तो जिन्दगी का अहम हिस्सा होता है। जो की हर वक्त हमेशा साथ ही होने चाहिए लेकिन क्या कभी आपने सोचा है की किसी की मृत्यु के बाद इन डॉक्युमेंट्स का क्या काम होता है आज हम जानेंगे की आप परिवार में किसी की मृत्यु के बाद उनके आधार कार्ड और पैन कार्ड को क्यों संभालकर रखना चाहिए।
मृत्यु के बाद पैन कार्ड की आवश्यकता :-
बैंक खाता और इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने के लिए पैन कार्ड सबसे आवश्यक डॉक्यूमेंट है. इसलिए इस तरह के सभी अकाउंट्स जहां पैन कार्ड की आवश्यक रूप से आवश्यकता होती रहती है , इसीलिए पैन कार्ड को तब तक संभालकर रखना चाहिए। जब तक की ये सभी पूर्ण रूप से बंद नहीं हो जाते. जैसे अगर ITR दाखिल करने से लेकर और जब तक इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने से लेकर प्रक्रिया पूरी होने तक पैन कार्ड सुरक्षित रखना आवश्यक होता है।
मृत्यु के बाद आधार कार्ड का क्या होता है।
रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया ने जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1969 में संशोधन के आधार पर UIDAI(भारतीय विशिष्टल पहचान प्राधिकरण) एक संवैधानिक प्राधिकरण है। , जिसकी स्थाDपना भारत सरकार द्वारा आधार अधिनियम, से सुझाव मांगे थे. ताकि मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करते समय मृतक का आधार लिया जा सके. वर्तमान में, जन्म और मृत्यु के रजिस्ट्रार जन्म और मृत्यु के आंकड़ों के अभिरक्षक हैं. आधार कार्ड को डिएक्टिवेट करने के लिए रजिस्ट्रार से मृत व्यक्तियों का आधार नंबर लेने की फिलहाल अभी कोई प्रणाली नहीं है. लेकिन एक बार इन संस्थाओं के में आधार नंबर शेयर करने का फ्रेमवर्क तैयार होने के बाद रजिस्ट्रार मृतक के आधार नंबर को डिएक्टिवेट करने के लिए UIDAI के साथ शेयर करता है . मृत्यु के बाद आधार कार्ड को मृत्यु प्रमाण पत्र से लिंक करने से मृतक के आधार कार्ड का कोई गलत इस्तेमाल नहीं हो पाता है .
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