- April 23, 2022
Rishabh Pant IPL 2022: ‘खुद को क्या समझते हैं’, पंत पर भड़के पीटरसन, वॉटसन ने दी सफाई
स्पोर्ट्स डेस्क। IPL में 22 अप्रैल को दिल्ली कैपिटल्स (Delhi Capitals) और राजस्थान रॉयल्स (Rajasthan Royals) के मुकाबले के बीच महाबवाल हुआ. नो-बॉल को लेकर हुए विवाद की वजह से दिल्ली कैपिटल्स के कप्तान ऋषभ पंत (Rishabh Pant) खफा हुए और उन्होंने अपने बल्लेबाज़ों को वापस बुलाने की कोशिश की. दिल्ली के कप्तान ऋषभ पंत, शार्दूल ठाकुर और प्रवीण आमरे के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हुई है। कप्तान पंत पर मैच फीस का 100% जुर्माना और शार्दूल ठाकुर पर मैच फीस का 50% का जुर्माना लगाया गया है। इसके साथ ही प्रवीण आमरे पर एक मैच का बैन लगा दिया गया है। हालांकि, बाद में मामला किसी तरह संभला लेकिन इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर और मैच में कमेंट्री कर रहे केविन पीटरसन (Kevin Pietersen) इस पूरे वाकये पर भड़क गए.
Pant may have been a bit cranky but there was no reason for the umpire to not refer it for no ball.. specially, in final over and a tight match..
— Keh Ke Peheno ??? (@coolfunnytshirt) April 22, 2022
केविन पीटरसन (Kevin Pietersen) ने इस पूरे विवाद पर कहा है, ‘ऋषभ पंत किस तरह पूरे गेम को समझ रहे थे, उससे पूरे गेम की लय टूटी होगी. अंपायर के फैसले से ज्यादा दिल्ली कैपिटल्स (Delhi Capitals) टीम का फैसला चौंकाने वाला था. मुझे लगता है कि अगर रिकी पोंटिंग वहां होते तो शायद ऐसा ना हुआ होता.’केविन पीटरसन (Kevin Pietersen) ने कहा, ‘जोस बटलर (Jos Buttler) ने जिस तरह से दखल दिया वह पूरी तरह से सही हैं. उनको पूछने का अधिकार था कि आखिर क्या हो रहा है. कोच को मैच के बीच में फील्ड पर भेजना पूरी तरह से गलत फैसला था.’
इंग्लैंड के पूर्व खिलाड़ी ने कहा कि हम जेंटलमैन गेम खेलते हैं, लोग गलतियां करते हैं. 20 साल के करियर में हमने भी कई बार गलत आउट होते हुए देखे हैं, लेकिन यहां जो हुआ वैसा कभी नहीं हुआ है. ये क्रिकेट के लिए अच्छा नहीं है, मुझे नहीं पता कि वो खुद को क्या समझते हैं, ये एक बहुत बड़ी गलती थी. दिल्ली कैपिटल्स (Delhi Capitals) के असिस्टेंट कोच शेन वॉटसन (Shane Watson) ने भी इस पूरे विवाद पर सफाई दी है. शेन वॉटसन (Shane Watson) ने कहा है कि आखिरी ओवर में जो कुछ भी हुआ वो काफी दुखद था. आखिर में जो भी देखने को मिला, दिल्ली कैपिटल्स (Delhi Capitals) की नीति वो नहीं है. अंपायर का फैसला सही हो या गलत, हमें मानना ही होता है. किसी का इस तरह फील्ड में घुस जाना बिल्कुल भी बर्दाश्त करने वाला नहीं है.
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