- August 15, 2022
जालोर की घटना के बाद बारां से कांग्रेस MLA पानाचंद मेघवाल ने विधायक पद से दिया इस्तीफा

इंटरनेट डेस्क. बारां अटरू से कांग्रेस के विधायक पानाचंद मेघवाल (Panachand Meghwal) ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है। विधायक ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) को दिए इस्तीफे में जालोर में अध्यापक द्वारा दलित छात्र की पिटाई से हुई मौत से खुद को आहत बताया है। जिस दलित और वंचित वर्ग के लिए बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ने संविधान में समानता का अधिकार का प्रावधान किया था आज उसकी रक्षा करने वाला कोई नहीं है।
पानाचंद मेघवाल ने कहा, “प्रदेश में दलित और वंचितों को मटकी से पानी पीने के नाम पर तो कहीं घोड़ी पर चढ़ने और मूंछ रखने पर घोर यातनाएं देकर मौत के घाट उतारा जा रहा है. जांच के नाम पर फाइलों को इधर से उधर घुमाकर न्यायिक प्रक्रिया को अटकाया जा रहा है. पिछले कुछ वर्षो से दलितों पर अत्याचार की घटनाएं लगातार बढ़ रही है. बाद में अंत में एफआर तक लगा दी जाती है।
ऐसा प्रतीत हो रहा है कि बाबा साहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर ने संविधान में दलितों और वंचितों के लिए जिस समानता के अधिकार का प्रावधान किया था. उसकी रक्षा करने वाला कोई नहीं है. दलितों पर अत्याचार के ज्यादातर गामलो में एफआर लगा दी जाती है. कई बार ऐसे मामलों को जब मैनें विधानसभा में उठाया उसके बावजूद भी पुलिस प्रशासन हरकत में नहीं आया.
पत्र में यह भी लिखा
पानाचंद मेघवाल ने इस्तीफा देकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भेजे पत्र में लिखा कि कई बार विधानसभा में मेरे द्वारा दलित और वंचित वर्ग के लिए सवाल उठाए गए लेकिन पुलिस कोई कार्रवाई नहीं करती है। आज भी छुआछूत समाज में इस कदर हावी है कि दलित वर्ग को लगता है उसने इस समाज में पैदा होकर ही गलती कर दी है। अगर हम इतना सब देखने के बाद भी हमारे दलित और वंचित वर्ग के लिए कुछ नही कर पाते तो हमें पद पर बने रहने का कोई हक नहीं है।
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