• May 6, 2022

IAS पूजा सिंघल के 20 ठिकानों पर ईडी का छापा, जानें किस घोटाले में हो रही कार्रवाई!

IAS  पूजा सिंघल के 20 ठिकानों पर ईडी का छापा, जानें किस घोटाले में हो रही कार्रवाई!

नई दिल्ली। आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल (IAS officer Pooja Singhal) के 20 ठिकानों पर ईडी की छापेमारी जारी है। जानकारी के अनुसार, आईएएस पूजा सिंघल (Pooja Singhal) के रांची के अलावा मुजफ्फपुर (बिहार) के ठिकानों पर भी ईडी छापेमारी कर रही है। रांची में पंचवटी रेसीडेंसी, ब्लॉक नंबर 9, चांदनी चौक हरिओम टावर, नई बिल्डिंग, लालपुर और रांची के पल्स हॉस्पिटल पर छापा पड़ा है। जानकारी मिल रही है कि केंद्रीय एजेंसी की यह कार्रवाई रामविनोद सिन्हा (Ramvinod Sinha) से जुड़े मामले में हो रही है। पूरा मामला मनरेगा घोटाले से जुड़ा है। रामविनोद सिन्हा (Ramvinod Sinha) खूंटी में जूनियर इंजीनियर थे, तब पूजा सिंघल (Pooja Singhal) खूंटी की डीसी थीं। झारखंड हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि ED इस मामले में काउंटर एफिडेविट करे।

छापेमारी को लेकर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे (Nishikant Dubey) ने ट्वीट किया है। निशिकांत दुबे ने लिखा, ‘झारखंड सरकार यानि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी के नाक की बाल पूजा सिंघल जी, जिन्होंने मुख्यमंत्री, भाई, गुर्गों व दलालों को कौड़ी के भाव खान आवंटित किया, आखिर उनके यहां ईडी का छापा 20 जगह पर चल रहा है, यह छापा रांची, दिल्ली, राजस्थान, मुंबई में जारी है।’ बता दें कि आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल उद्योग एवं खनन विभाग की सचिव हैं। आईएएस अधिकारी पर अवैध खनन का भी आरोप है।

झारखंड हाईकोर्ट में दायर है रिट याचिका

आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल (Pooja Singhal) को जेएसएमडीसी के अध्यक्ष और खान सचिव दोनों पदों पर पदस्थापित किए जाने के खिलाफ झारखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी है। दोनों पदों पर उनकी नियुक्ति को नियम विरूद्ध बताते हुए किसी एक ही पद पर पदस्थापित करने का आग्रह हाईकोर्ट से किया गया है। इस संबंध में भूमि सुधार मंच ने जनहित याचिका दायर की है।याचिका में कहा गया है कि पूजा सिंघल उद्योग सचिव के पद पर हैं, माइनिंग विभाग की सचिव भी हैं और JSMDC की चेयरमैन भी हैं। प्रार्थी का कहना है कि JSMDC से पारित आदेश का अपीलीय अधिकार खनन सचिव के पास होता है। अगर दोनों ही पदों पर एक व्यक्ति पदस्थापित रहेगा तो अपील करने वालों को न्याय नहीं मिल सकेगा। प्रार्थी के अधिवक्ता के मुताबिक वर्ष 2007-08 में झारखंड हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने एक आदेश पारित कर कहा था कि जेएसएमडीसी के चैयरमैन के पद पर वैसे अधिकारी की नियुक्ति की जानी चाहिए जो स्वतंत्र प्रभार में हो।

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