• February 28, 2023

SC पहुंचे मनीष सिसोदिया, CBI जांच और गिरफ्तारी को दी चुनौती

SC पहुंचे मनीष सिसोदिया, CBI जांच और गिरफ्तारी को दी चुनौती

इंटरनेट डेस्क। दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने SC में शराब घोटाला मामले में अपनी गिरफ्तारी और CBI जांच के तरीके को चुनौती दी है. मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट जल्द सुनवाई के लिए तैयार हो गया है. मामले की सुनवाई आज दोपहर 3.30 बजे होगी. मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) को दिल्ली सरकार की शराब नीति में कथित घोटाले के मामले में CBI ने रविवार को गिरफ्तार किया था. CBI ने उन्हें सोमवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया था. कोर्ट ने मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) को 5 दिन की CBI हिरासत में भेज दिया है.

सिसोदिया से पूछताछ शुरू

CBI ने मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) से पूछताछ शुरू कर दी है. सीबीआई ने सिसोदिया के लिए सवालों की लंबी लिस्ट तैयार की है. जांच एजेंसी मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) से गिरफ्तारी के बाद पहली बार पूछताछ कर रही है. बताया जा रहा है कि CBI नए सिरे से पूछताछ करेगी. पिछली पूछताछ के दौरान वे जिन सवालों के जवाब देने से बचे थे, उनसे ये सवाल फिर से पूछे जाएंगे.

 

क्या है पूरा मामला?

दिल्ली में केजरीवाल सरकार ने 17 नवंबर 2021 को नई एक्साइज पॉलिसी लागू की थी. दिल्ली सरकार ने नई एक्साइज पॉलिसी लाने को लेकर माफिया राज खत्म करने का तर्क दिया था. जुलाई 2022 में दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव ने इस मामले में एलजी वीके सक्सेना को रिपोर्ट सौंपी थी. इसमें एक्साइज पॉलिसी में गड़बड़ी के साथ ही डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) पर शराब कारोबारियों को अनुचित लाभ पहुंचाने का भी आरोप लगा था. इसी रिपोर्ट के आधार पर CBI ने 17 अगस्त 2022 को मामला दर्ज किया था. रविवार को इसी मामले में CBI ने मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) को गिरफ्तार कर लिया.

CBI ने बताया था कि नई आबकारी नीति में कथित अनियमितताओं के मामले की जांच के लिए उपमुख्यमंत्री और प्रभारी आबकारी मंत्री व 14 अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया गया था. डिप्टी सीएम को 19 फरवरी 2023 को जांच में सहयोग करने के लिए सीआरपीसी की धारा 41-A के तहत नोटिस जारी किया गया था. हालांकि उन्होंने व्यस्तता का हवाला देते हुए एक सप्ताह का समय मांगा. उनके अनुरोध पर फिर नोटिस जारी किया गया. हालांकि, इस दौरान उन्होंने टालमटोल भरे जवाब दिए और जांच में सहयोग नहीं किया. इसलिए उन्हें गिरफ्तार किया गया है.

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