• May 2, 2022

एसीबी के अधिकारी कौन से दूध के धुले हैं उनकी संपत्ति की जांच होनी चाहिए: डी आर राठौड़

एसीबी के अधिकारी कौन से दूध के धुले हैं उनकी संपत्ति की जांच होनी चाहिए: डी आर राठौड़

जयपुर। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अल्पसंख्यक महासंघ ने राज्य में एसीबी द्वारा भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ की जा रही कार्यवाही का विरोध नहीं करते हुए कहा है कि भ्रष्टाचारियों को पकड़ा जाए लेकिन एस सी, एस टी वर्ग के अधिकारियों को झूठा टारगेट करने, दुश्मनी निकालने और झूठा ट्रैप करने के खेल को एसीबी बंद करें। एक संवाददाता सम्मेलन में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अल्पसंख्यक महासंघ के जिलाध्यक्ष डी आर राठौड़, महामंत्री राम कुमार मीणा ने आरोप लगाया है कि जब से एसीबी के शीर्ष पदों पर मौजूदा अधिकारी आए हैं तभी से एस सी, एस टी और ओबीसी वर्ग के अधिकारियों को खास करके टारगेट किया जा रहा है शिकायत कर्ताओं का ऐसा काकस बन गया है की एसीबी के अधिकारी खुद शिकायतें लिखबाते है जिलों में अधिकारी कर्मचारियों को धमका कर वसूली का गोरख धंधा एसीबी ने चालू कर रखा है जो इसे नहीं है।

एसीबी द्वारा भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ की जा रही कार्यवाही का जताया विरोध

 

उसे झूठे मामलों में फंसाते हैं महासंघ अधिकारियों ने आरोप लगाया कि दर्जनों ऐसे मामले सामने आए हैं कि ए सी बी ने बाद में अपनी गलत कार्यवाही के लिए माफी मांग ली, कोर्ट ने दस्तावेजों को गलत मानते हुए ट्रैप करने को ही अनुचित ठहरा दिया। कई मामलों में बिना वजह आरक्षित वर्गों के अधिकारी कर्मचारियों के खिलाफ मामले बना दिए गए जबकि उच्च वर्ग के अधिकारी कर्मचारियों को सबूत होने के बाद भी निकाल दिया गया। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अल्पसंख्यक महासंघ के जिलाध्यक्ष डी आर राठौड़, महामंत्री राम कुमार मीणा ने आर ए एस अधिकारी एसोसिएशन के इस दावे को दोहराया कि एसीबी के अधिकारी कौन से दूध के धुले हैं ।

 

 

राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग, एससी एसटी अधिकारियों को टारगेट करके ऐसी भी कर रही है झूठी कार्यवाही

एसीबी के अधिकारी कर्मचारियों की संपत्ति की जांच होनी चाहिए और बरसों से डेरा डाल चुके अधिकारियों को हटाना चाहिए। इसी तरह पुलिस द्वारा रोजनामचा ऑनलाइन किए जाने के बाद एसीबी आज भी ऑफलाइन रोजनामचा दर्ज करती है तथा ट्रैप कार्यवाही के उपरांत मर्जी के मुताबिक कागजात भरती है महासंघ पदाधिकारियों ने बताया कि महासंघ के संज्ञान में कई मामले लाए गए जिनसे पता चलता है कि आरक्षित वर्गों के अधिकारियों को टारगेट किया गया। जेसीटी एन एल मैं निर्देशक वरिष्ठ आर ए एस अधिकारी विरेंद्र वर्मा के खिलाफ कार्यवाही ने टेबल पर रुपए रखवा कर खुद जब्त कर लिए जबकि उनके खिलाफ प्रस्तुत गई की गई।

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