• November 28, 2022

क्या है मार्गशीर्ष अमावस्या, पितरो को प्रसन्न करने के लिए क्यों माना जाता है इस दिन को खास

क्या है मार्गशीर्ष अमावस्या, पितरो को प्रसन्न करने के लिए क्यों माना जाता है इस दिन को खास

इंटरनेट डेस्क। हिन्दू धर्म में वैसे तो महीने में दो अमावस्या तिथि आती है महीने को 15 – 15 दिन के दो पक्षों में चंद्र कला के आधार पर बांटा गया है। अमावस्या का हिंदू धर्म में बेहद खास महत्व माना गया है. प्रत्येक माह कृष्ण पक्ष का आखिरी दिन अमावस्या तिथि होती है. अमावस्या की तिथि को चाँद नहीं दिखाई देता है हिन्दू धर्म में मार्गशीर्ष अमावस्या को पितृ दोषो को दूर करने के लिए बहुत बहुत अच्छा दिन बताया गया है इस दिन को सतयुग आरम्भ का दिन भी कहा इस दिन कोई शुभ काम नहीं किया जाता है शास्त्रो में अमावस्या को पितरो को भोजन कराने की तिथि मानी जाती है मार्गशीष माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मार्गशीर्ष अमावस्या या अगहन अमावस्या के नाम से जाना जाता है. इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध कर्म आदि किए जाते हैं. तो आएये जानते है शास्त्रों में मार्गशीर्ष अमावस्या को क्यों अहम् माना गया है और इसका शुर्भ मुहर्त और पूजा है।

मार्गशीर्ष अमावस्या मुहर्त और तिथि 2022

हिंदू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष अमावस्या इस बार 23 नवंबर, बुधवार के दिन मनाई जाएगी. अमावस्या तिथि का आरंभ सुबह 6 :53 बजे से शुरू होकर प्रातः 4 : 26 बजे तक समापन होगा.पंचांग के मुताबित मार्गशीर्ष माह की अमावस्या को वैसे कई शुभ मुहूर्त बन रहे हैं अमृत काल:- अमावस्या के दिन दोपहर 1 :24 बजे से लेकर दोपहर 02 : 54 बजे तक अमृत काल रहेगा .

मार्गशीर्ष अमावस्या का महत्व :-शास्त्रों में के अनुसार माना जाता है की भगवान श्री कृष्ण ने गीता का दिव्य ज्ञान दिया था, इसलिए इस माह की अमावस्या को बेहद फलदायी माना गया है. इस दिन को पितरों की पूजा के लिए बहुत ही खास माना गया है. साथ ही इस दिन पूजन और व्रत आदि रखने से पितर प्रसन्न होते हैं और पितर दोष से मुक्ति मिलती है. और यह भी कहा जाता है की इस दिन व्रत करने से कुंडली के दोष दूर होते हैं.

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस अमावस्या के दिन गंगा स्नान का भी खास महत्व माना गया है. शास्त्रों के अनुसार माना जाता है की भगवान श्री कृष्ण ने खुद को मार्गशीर्ष का महीना बताया है.पितृदोष से मुक्ति पाना हो , तो मार्गशीर्ष अमावस्या को इसके लिए बेहद महत्वपूर्ण माना गया है. जो लोग पितरों को मोक्ष की प्राप्ति पितृ दोष दूर करने के लिए निर्धन जरूरमंदों को भोजन , अनाज , कपडे और धन अपनी क्षमता अनुसार करे इस दिन दान करना बहुत ही फलदायी माना जाता है।

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