- September 16, 2022
क्यों करती है अविवाहित लड़किया करवा चौथ का व्रत और कैसे रखना चाहिए उनको ये व्रत
इंटरनेट डेस्क। हिंदू धर्म में कारवा चौथ का बहुत महत्व है और ये वर्ष में एक बार आता है वैसे तो चौथ का व्रत वर्ष में चार होते है किन्तु करवा चौथ बड़ी बहुत ही खास है जो की पंचांग के अनुसार, हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का व्रत रखा जाता है। करवा चौथ सुहागनों का त्यौहार होता है इसीलिए हर शादी शुदा महिला इस दिन का बेसब्री से इंतज़ार भी करती है। किन्तु हम देखते है इस व्रत को कुंआरी लड़कियां भी रखती है। लेकिन बहुत से लोग इसे गलत मानते है। आज हम आपको बताएंगे की कुंआरी लड़कियों के करवा चौथ का व्रत रखने की क्या वजह होती है और कुंआरी लड़कियां कैसे इस व्रत को रख सकती है।
अविवाहित लड़कियों के करवा चौथ का व्रत रखने की वजह :-
1. मनभावन पति की प्राप्ति :- कुंआरी लड़किया को इस व्रत को करने से करवा माता का आशीर्वाद प्राप्त होता है। बहुत सी लड़कियां मनभावन पति पाने की कामना लेकर करवा चौथ का उपवास रखती है।
2. मंगेतर के लिए :- कुंआरी लड़कियों का करवा चौथ का व्रत सगाई होने के बाद अपने होने वाले पति की लम्बी उम्र और उत्तम स्वास्थ्य ,तरक्की के लिए भी रखती है।
3. प्रेमी के लिए :- कई लड़किया जो प्रेम संबंध में होती है वो अपने प्रेमी और अपने रिश्ते को मजबूत बनाने या प्रेम विवाह की कामना रखकर इस व्रत को रखती है।
4. अपने भाई के लिए :- कई कुंआरी लड़किया अपने भाई की लम्बी आयु , तरक्की और घर की सुख शांति के लिए भी इस व्रत को रखती है।
कैसे करे इस व्रत को कुंआरी लड़किया :-
1. इस दिन अविवाहित लड़किया को सरगी करना जरूरी नहीं होता और निर्जला व्रत न रखकर निरहार इस व्रत को कर सकती है , इस दिन लड़किया तारो को देखकर अर्ध्य देकर भी अपने व्रत का पारण कर सकती है इस दिन सुहागन महिलाएं अपनी सास या जेठानी जो सुहागन हो उसे सौलह श्रृंगार भेंट करती है लेकिन अविवाहित लड़कियो को ऐसा नहीं करना होता , कुंआरी लडकिया इस व्रत को सामान्य व्रत के समान कर सकती है।
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