• February 4, 2022

राज्य स्तर से पिछले 3 माह से कोई राशि नहीं मिलने के कारण चिकित्सा संस्थानों की व्यवस्था हुई अस्त-व्यस्त

राज्य स्तर से पिछले 3 माह से कोई राशि नहीं मिलने के कारण चिकित्सा संस्थानों की व्यवस्था हुई अस्त-व्यस्त

बस्सी। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग जयपुर द्वितीय का स्वास्थ्य महकमा अब डगमगाने लगा है। क्योंकि राज्य स्तर से स्वास्थ्य विभाग जयपुर द्वितीय के क्षेत्र में पिछले 3 माह से कोई राशि नहीं मिलने के कारण अब चिकित्सा संस्थानों की व्यवस्था अस्त-व्यस्त होती नजर आ रही है। फण्ड नहीं मिलने के कारण टीकाकरण,परिवार नियोजन कार्यक्रम,एनसीडी सहित सरकार के सभी अन्य कार्यक्रम भी प्रभावित हो रहे हैं। जिससे राज्य स्तर से जारी वित्तीय गाइडलाइन केवल गाइडलाइनों में ही बनकर तब्दील रह गई है।

आक्रोश : इनको नहीं मिला वेतन, हड़ताल की चेतावनी दी

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग जयपुर द्वितीय के क्षेत्र में सभी संविदाकर्मियों को पिछले 3 माह से बकाया वेतन नहीं मिला है। कुछ कर्मचारियों का तो 6 माह का बकाया है। वहीं सरकार द्वारा परिवार कल्याण द्वारा नि: शुल्क नसबंदी शिविर में मान्यता प्राप्त निजी संस्थानों को अप्रैल 2021 से 31 जनवरी 2022 तक कोई भुगतान नहीं मिला है। जिससे निजी अस्पताल संचालक इस ओर कोई रुचि लेने को तैयार नहीं है। इसके साथ ही राजकीय उप जिला चिकित्सालय बस्सी में गत 2 माह से हो रहे नसबंदी के लाभार्थियों को भी भुगतान नहीं हो पाया है। लाभार्थियों की राशि भी बकाया चल रही है। इसके अलावा टीकाकरण गाड़ियों के वाहन चालकों का भी पिछले 6 माह से भुगतान बकाया चल रहा है। जिससे टीकाकरण वाहन चालक भी टीकाकरण केन्द्रों पर वैक्सीन पहुंचाने में आना-कानी कर रहे हैं। इस मामले को लेकर ये सभी लोग बीसीएमओ को भी दो बार हड़ताल की चेतावनी दे चुके हैं।

एमआरएस कर रहा भुगतान, अब वह भी हुआ खाली

लगभग पिछले 2 वर्ष से कोविड-19 प्रारंभ हुआ है। तब से वैक्सीनेशन करने वाली टीम को आज तक कोई भुगतान नहीं मिला है। जबकि सैम्पलिंग हेतु गाड़ियां बस्सी उपखण्ड के विभिन्न चिकित्सा संस्थानों से गाड़ियां सैंपल लेकर जयपुर जाती है। उन वाहनों के लिए कोई राशि प्राप्त नहीं हुई है। जिसके कारण भुगतान एमआरएस से हो रहा है। लगभग अब तक एमआरएस इसका 8 से 10 लाख रुपए भुगतान कर चुकी है। और अब जिला स्तर से मात्र इसकी 75 हजार रुपए की स्वीकृति मिली है, जबकि राशि या फण्ड उपलब्ध नहीं कराया गया है। इधर, एमआरएस को साप्ताहिक खर्चा 10 हजार रुपए प्रति सप्ताह वहन करना पड़ रहा है। जिसके कारण अब एमआरएस भी खाली हो गई है। इधर, कोई भुगतान नहीं होने से पूरी वैक्सीनेशन टीम में आक्रोश बना हुआ है।

बस्सी उपखण्ड में सरकारी सुविधाएं बढ़ने की बजाय घटी

बस्सी उपखण्ड क्षेत्र में सरकारी सुविधाएं बढ़ने की बजाय अब घट गई है। क्योंकि यहां खण्ड बस्सी उप जिला चिकित्सालय बस्सी को छोड़कर सभी डिलीवरी पॉइंट्स खत्म कर दिए गए हैं। जिसके कारण साफ-सफाई की राशि भी अब तूंगा, बांसखोह, बड़वा, सांभरिया अस्पताल को नहीं मिल रही है। जबकि पूर्व में तूंगा और बड़वा डिलीवरी प्वाइंट के रूप में स्वीकृत थे‌। और उन्हें साफ-सफाई की राशि अतिरिक्त मिल रही थी। इस संबंध में चिकित्सा मंत्री के ओएसडी डॉ.बीएल मीणा के द्वारा भी मिशन निदेशक को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र तूंगा की विजिट कर इस संबंध में अवगत कराया गया था। जहां डिलीवरी प्वाइंट को बढ़ाया जाना था। वहां बल्कि इनको भी डिलीवरी प्वाइंट के नाम से हटा दिया गया है। वहीं मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य शिविरों में 20 हजार रुपए की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई थी। किन्तु उसे भी बाद में वित्तीय स्वीकृति के रूप में आधा कर दिया गया है। एनसीडी कार्यक्रम के अन्तर्गत टीमों को जो भुगतान किया जाना था। वह भी पिछले 1 वर्ष से बकाया चल रहा है।

8 फरवरी से शुरू होने वाला मिशन इंद्रधनुष कार्यक्रम भी फण्ड नहीं होने से हो सकता है प्रभावित

इधर, स्वास्थ्य विभाग द्वारा 8 फरवरी से मिशन इंद्रधनुष कार्यक्रम प्रारंम्भ होने जा रहा है। इससे साफ जाहिर होता है कि स्वास्थ्य विभाग खण्ड में फण्ड नहीं होने के कारण यह कार्यक्रम भी इस बार प्रभावित हो सकता है। क्योंकि खण्ड बस्सी में मिशन इंद्रधनुष ईट-भट्टों में आयोजित होना है। लेकिन वैक्सीनेशन वाहन चालक ईट-भट्टों में बिना पैसों के जाने को तैयार ही नहीं है।

इनका कहना है :-
सरकार द्वारा परिवार कल्याण कार्यक्रम द्वारा नि:शुल्क नसबंदी शिविर में करीबन 5-7 लाख रुपए का काम कर चुके हैं। लेकिन सरकार द्वारा अप्रैल 2021 से 31 जनवरी 2022 तक कोई भुगतान नहीं मिला है।

अशोक शर्मा
आरडी सिटी हॉस्पिटल संचालक

इनका कहना है :-
हर ब्लॉक में 75-75 हजार रुपए दिए हैं। और 85% अर्बन का सैम्पल हुआ है। जो भी 85 प्रतिशत ही सेंपलिंग हुआ है। हमने सेंपलिंग बढ़ाने के निर्देश भी दे रखे हैं। चिरंजीवी स्वास्थ्य शिविरों में वित्तीय स्वीकृति के रूप में आधा किया गया है या नहीं यह राज्य स्तर का मामला है। परिवार कल्याण कार्यक्रम या अन्य कार्यक्रमों में फंड राज्य स्तर से आते ही खंड को दे दिया जाएगा।

हंसराज भदालिया
सीएमएचओ, जयपुर द्वितीय

इनका कहना है :-
अभी किसी को भी पेमेंट नहीं मिला है। इस मामले को लेकर शुक्रवार को जिला स्तरीय कलेक्टर की बैठक में मुद्दे को उठाया गया था। जिसका जल्द निस्तारण का आश्वासन मिला है। अगर पेमेंट नहीं आया तो 8 फरवरी से चलने वाले मिशन इंद्रधनुष कार्यक्रम को यहां उधार पर चलाया जाएगा।

सौरभ आर्य
खण्ड मुख्य चिकित्सा अधिकारी

Spread the love