- July 26, 2022
राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण में सरकार पर कांग्रेस नेता के अपमान का आरोप, जानें पूरा मामला!
इंटरनेट डेस्क। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) के शपथ ग्रहण समारोह में राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) की सीट को लेकर विवाद हो गया है। केंद्र सरकार ने विपक्ष के इस आरोप का खंडन किया कि मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) को ऐसी सीट पर बैठाया गया जो उनके पद की गरिमा के तहत नहीं थी। कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने दावा किया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) के शपथ ग्रहण समारोह में खड़गे को ‘उचित’ सीट पर नहीं बैठाया गया।
विपक्षी सदस्यों ने राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू (M. Venkaiah Naidu) को पत्र लिखकर यह दावा भी किया कि वरिष्ठ नेता का जानबूझकर अनादर किया गया है। कांग्रेस महासचिव व राज्यसभा सदस्य जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने ट्विटर पर यह पत्र साझा करते हुए कहा कि कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने एम. वेंकैया नायडू (M. Venkaiah Naidu) को पत्र लिखा है। पत्र में इन दलों ने कहा, “आज राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) को ऐसी सीट पर बैठाया गया जो उनके पद की गरिमा के अनुरूप नहीं थी। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी (Pralhad Joshi) ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में किसी ‘प्रोटोकॉल’ का उल्लंघन नहीं हुआ है। उन्होंने कहा, “वरीयता के क्रम में, विपक्ष के नेता कैबिनेट मंत्रियों के बाद आते हैं। नियमों के तहत उनकी सीट तीसरी पंक्ति में आती है। लेकिन मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) जी की वरिष्ठता का सम्मान करने के लिए, उन्हें पहली पंक्ति में ही सीट प्रदान की गई थी।
प्रह्लाद जोशी (Pralhad Joshi) ने कहा कि जब मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) ने किनारे वाली अपनी सीट को लेकर आपत्ति जताई तो वहां मौजूद कर्मियों ने उनसे बीच में आने की अपील की लेकिन मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) ने मना कर दिया। उन्होंने कहा कि शनिवार को निवर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ram Nath Kovind) के विदाई कार्यक्रम में मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) को प्रधानमंत्री के बगल वाली सीट दी गई, लेकिन वे नहीं आए। उन्होंने कहा, “यह राष्ट्रपति का भी अपमान था। आज वे (विपक्ष) बिना किसी मुद्दे का मुद्दा बना रहे हैं। वरीयता क्रम के बावजूद, हमने उन्हें पहली पंक्ति में सीट देने का प्रयास किया। ज्यादातर कैबिनेट मंत्री दूसरी पंक्ति में बैठे।
475 total views, 2 views today