• April 24, 2023

जब Sachin Tendulkar ने बाउंसर मारकर तोड़ दी थी नाक, फिर…

जब Sachin Tendulkar ने बाउंसर मारकर तोड़ दी थी नाक, फिर…

इंटरनेट डेस्क। सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) के 200 टेस्ट मैच लंबे करियर पर जब नजर दौड़ाई जाएगी तो आप उन्हें इस फॉर्मेट का सबसे बड़ा रन स्कोरर बताएंगे। 100 इंटरनेशनल शतकों के लिए उन्हें याद किया जाएगा। सर डोनाल्ड ब्रैडमैन (Donald Bradman) के बाद से उन्हें ही क्रिकेट जगत का महान बल्लेबाज माना जाता है। हालांकि, जिन लोगों ने सचिन के करियर को करीब से देखा है, वो जानते होंगे कि बैट के साथ-साथ सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) गेंद के भी बड़े जादूगर थे। मगर बतौर बोलर उन्हें हमेशा कमतर ही आंका गया। आज सचिन के 50वें जन्मदिन पर चलिए उनकी गेंदबाजी से जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा सुनाते हैं।

दरअसल, तेज गेंदबाज बनने की उम्मीद में एमआरएफ पेस फाउंडेशन में शामिल होने वाले नौजवान होते सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) का करियर तब यू-टर्न लेता है, जब डेनिस लिली उन्हें अपनी बैटिंस स्किल्स पर काम करने की सलाह देते हैं। बावजूद इसके सचिन ने कभी अपने अंदर का गेंदबाज मरने नहीं दिया। अपने पूरे करियर में इस मास्टर-ब्लास्टर ने जबरदस्त बैटिंग से कई गेंदबाजों को डराया, लेकिन एक मैच ऐसा भी था, जहां उन्होंने अपनी घातक गेंदबाजी से विरोधी बल्लेबाज का नाक ही तोड़ दिया था।

 

बात 1991 की है, जब दिल्ली और मुंबई के बीच खेले गए रणजी मैच में सचिन की गेंद पर बंटू सिंह की नाक में कई फ्रैक्चर हो गए और खून बहने लगा। उन्होंने मीडिया से बातचीत में 32 साल पहले के वाकये को याद दिया। यह घटना 20 अप्रैल, 1991 को घटी थी।उन्होंने कहा, ‘मेरी नाक का नक्शा बदल गया, तेंदुलकर के उस बाउंसर के बाद अब मेरे पास एक नई नाक है। मुझे यह चोट दूसरी पारी में लगी थी। पहली पारी में मैंने शतक बनाया था। दूसरी पारी में मैंने तेंदुलकर के खिलाफ चौका जड़ा, लेकिन उनकी अगली गेंद घास पर टप्पा खाकर उछाल लेती हुए तेजी मेरी ओर आई, मैंने पुल शॉट खेला और गेंद बल्ले का किनारा लेते हुए नाक पर जा लगी। यह चोट इतना गंभीर था कि मैंने अपना संतुलन खो दिया। संजय मांजरेकर स्लिप से दौड़कर मेरे पास पहुंचे और मुझे गिरने से बचाया। मेरी और मांजरेकर दोनों की शर्ट खून से लाल हो गई थीं।’

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